




Pratiksha Sabha Bhawan Foundation
अधिनियम के अंतर्गत रजिस्टर्ड एक ऐसी संस्थाहै जो कन्याओं से संबंधित समस्याओं पर कार्य करती है। चूकि कन्याएँ हमारे समाज की अभिन्न अंग है और इनकी उपेक्षा करके हम एक सभ्य एंव विकसित समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते। हम अपने आपको एक सभ्य मानव की संज्ञा देते है और एक सभ्य समाज की चाहत रखते हैं। लेकिन जब तक कन्याएँ पुरूषों की तरह निर्णय लेने मे, शिक्षा के क्षेत्र मे बराबर नहीं आ जाती है, तब तक एक विकसित समाज का सपना एक कल्पना मात्र ही रह जाएगा।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम एक सामाजिक योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों की शादी को सुगम, सुलभ और गरिमामय बनाना होता है। यह कार्यक्रम आमतौर पर सरकार, सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ, या कभी-कभी राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें कई जोड़ों का विवाह एक साथ संपन्न कराया जाता है, और दुल्हनों को आर्थिक सहायता, उपहार या “कन्यादान सामग्री” भी दी जाती है।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम की विशेषताएं:
निशुल्क विवाह –
दुल्हन और दूल्हे दोनों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता।उपहार सामग्री –
कपड़े, बर्तन, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, गहने आदि प्रदान किए जाते हैं।समाजिक समरसता –
सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग इसमें भाग ले सकते हैं। यह सामाजिक एकता का प्रतीक होता है।
यह योजना क्यों
- इस योजना से कन्या के विवाह के प्रति माता-पिता अपने आप को असहाय महसूस नहीं करेंगे।
- गुण हत्या में कमी आएगी और आने वाले बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होंगे।
- समाज में कन्याओं के प्रति श्रद्धा व सहानुभूति बढ़ेगी।
- दहेज प्रथा पर रोक लगेगी।
- विवाह के मौके पर खर्चों की साझेदारी एवं कमी होगी।
- वर और वस्तु दोनों सम्मानित होंगे जिससे उनका आत्मबल मिलेगा।
- समाज में कन्याओं के विवाह के लिये एक आधुनिक प्लेटफॉर्म मिलेगा।
- बाल विवाह पर रोक लगेगी।
हमारा उद्देश्य
1. बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रुण हत्या को समाप्त करने हेतु जागरूक करना तथा शपत्थ दिलाना।
2. कानून सहायता केंद्र, एवं कॉल सेंटर, का संचालन करना।
3. शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को समाज सेवा करते हुऐ बेराजगारी को दुर कराना।
4. स्वास्थय के प्रति जागरूक्ता शिविर लगाना, जाँच एवं बिमारी से ग्रसित व्यक्तीयों को चिकित्शालय / हॉस्पीटल निर्माण कर संचालन करना तथा बिमारी दुर करना
5. विवाह से संबंधित समस्या का समाधान करना तथा सामुहीक विवाह को प्रोत्साहीत करना।
6. स्वावलंबन प्रशिक्षिण कराकर उन्हे आत्मर्निभर बनाना तथा जुडो कराटे के द्वारा प्रशिक्षण कराकर आत्मरक्षा हेतु जागरूक कराना।
7. कन्याओं / बालिकाओं / महीलाओं से संबंधित सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक कर सफलिभुत कराना।
8. अन्नाथ, गरीब, असहाय, कन्याओं के लिये अन्नाथालय, छात्रावास, विघालय के पुर्णवास हेतु कार्यक्रम करना।
9. बालिका शिक्षण के प्रति जागरूक कर उन्हे पंचायत, प्रखण्ड, तथा जिला स्तरीय स्कुल का र्निमाण कर संचालन करना एवं शिक्षित बनाना।
10. संस्था द्वारा सहायता देने एवं लेने हेतु तथा संस्था को मजबुत बनाने हेतु सदस्यता ग्रहण कराना एवं संस्था के नियमो का पालण करना।